मुंबई/जयपुर – काला हिरण शिकार मामले के दौरान बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान (salman khan) पर आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में जब सलमान खान से लाइसेंस मांगा गया तो उन्होंने कोर्ट में एक हलफनामा पेश करते हुए बताया था कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है। अब 18 साल बाद ये शपथ पत्र झूठा निकला है। 9 फरवरी को इस मामले पर जोधपुर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई। कोर्ट इस मामले पर 11 फरवरी को अपना फैसला सुनाएगा।
सुनवाई के दौरान सलमान (salman khan) के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट में कहा कि 8 अगस्त 2003 को गलत शपथ पत्र दे दिया गया था। ये भूल अनजाने में हुई है। बता दें कि साल 1998 में काला हिरण शिकार मामले मे जब सलमान को गिरफ्तार किया गया तो कोर्ट ने उनसे हथियारों का लाइसेंस मांगा था। साल 2003 में कोर्ट में शपथ पत्र देकर सलमान ने बताया था कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है।

एफआईआर की कॉपी भी कोर्ट में पेश हुई थी, लेकिन कोर्ट ने ये पाया कि सलमान का लाइसेंस कहीं गुम नहीं हुआ है। उन्होंने खुद लाइसेंस के रिन्यू के लिए हथियार लाइसेंस नवीनीकरण शाखा में पेश किया हुआ था। इसके बाद तत्कालीन लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने कोर्ट में सीआरपीसी 340 के अंतर्गत एक अर्जी पेश कर गुहार लगाई कि सलमान खान (salman khan) पर कोर्ट को गुमराह करने का प्रयास करने पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इस मामले में जिला एवं सत्र जिला जोधपुर कोर्ट में 9 फरवरी को सुनवाई हुई।
दूसरी तरफ सुनवाई के दौरान सलमान (salman khan) के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने बहस करते हुए ये दलील दी कि सलमान खान एक बड़े सितारे हैं और वो काम के चलते बहुत व्यस्त रहते हैं। इसी वजह से सलमान भूल गए थे कि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए पेश हुआ है। सारस्वत ने सलमान खान को उक्त मामले में बरी करने की अपील की। दोनों पक्षों की तरफ से बहस खत्म कर ली गई। कोर्ट में सलमान के अधिवक्ता ने ये स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई है, लेकिन ये गलती अनजाने में हुई है। अब 11 फरवरी को कोर्ट इस प्रार्थना पत्र पर अपना आदेश सुनाएगी।